दोस्तों समय का हमेसा सदुपयोग करें यह कितना कीमती है इसे बताने की आवश्यकता नहीं है इसे आप भली भांति समझते हैं। क्योंकि पैसा अगर एक बार चला गया तो उसे दोबारा पाया जा सकता है परन्तु जो समय बीत जाता है वह वापस नहीं आता।
अगर आप सही जगह पर नहीं हैं, तो आपकी ताकत, कौशल और ज्ञान बेकार हैं।
वह व्यक्ति नाटक देखने के लिए वहीँ बैठ गया व देखते ही देखते वह राजमहल जाकर धन लाने की बात को भूल गया। जब नाटक समाप्त हुआ तब उसे धन वाली बात याद आयी और वह दौड़ते भागते राजमहल के पास पंहुचा अफसोस दिया हुआ समय निकल चूका था सूर्य अस्त हो चुकी थी।
परन्तु दरिद्र व्यक्ति ने आज बहुत दिनों बाद डट कर खाना खाया था, उसे खाना खाते ही आलश्य आ गया उसने सोंचा कि थोड़ी देर में जाकर सोना ले आऊंगा अभी थोड़ा आराम कर लेता हूँ अतः वह आराम करने के लिए टेल गया। व्यक्ति गहरी नींद का आनंद लेने लगा, जैसे-तैसे करके उसकी पत्नी ने उसे उठाया और राजमहल की तरफ रवाना कर दिया।
pyasa kauwa Panchtantra ki kahani in Hindi
हालांकि, ग्राउंड कॉफी बीन्स अद्वितीय थे। उबलते पानी के संपर्क में आने के बाद, उन्होंने पानी को बदल दिया और कुछ नया बनाया।
चिंता करने से आपकी समस्याओं का समाधान नहीं होगा, यह सिर्फ आपका समय और ऊर्जा बर्बाद करेगा।
समय की कीमत प्रेरक प्रसंग – ज्ञानवर्धक प्रेरणादायक हिंदी कहानी
गाँधी जी के ज़माने में छूआछूत का बोलबाला था. उनका उस ज़माने में अपनी ऐसी सोच रखना उनकी महानता को दर्शाता है.
जीवन में लक्ष्य का होना ज़रूरी क्यों है ?
वह भारतीय महिलाओं और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं और उन्होंने साबित किया है कि महिलाएं भी किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकती हैं।
विजय ने एक पल के लिए सोचा। उसने सुना है कि जानवर शवों को पसंद नहीं करते हैं, इसलिए वह जमीन पर गिर गया और उसने दम तोड़ दिया। भालू ने उसे सूँघ लिया और सोचा कि वह मर गया है। तो, यह अपने रास्ते पर चला गया।
उनके ऐसे ही न जाने कितने प्रेरक here प्रसंग हैं, जो न केवल इन्सानियत और मानवता का पाठ पढ़ाते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि जनता के एक प्रतिनिधि का स्वरूप कैसा होना चाहिए।विराट हृदय वाले शास्त्री जी अपने देश के लोगों के विकास और वतन की शांति की स्थापना के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे। उन्हें कभी भी किसी पद या सम्मान की लालसा नहीं रही। उनके राजनीतिक जीवन में अनेक ऐसे अवसर आए,जब शास्त्री जी ने इस बात का सबूत दिया कि देश और मानव सेवा ही उनका उद्देश्य है और इस तरह लोगों के समक्ष कई प्रेरणादायी उदाहरण रखे। उनके विषय में यह कहा जाता है कि वह अपना त्यागपत्र सदैव अपनी जेब में रखते थे। ऐसे निःस्पृह व्यक्तित्व के धनी,शास्त्री जी भारत माता के सच्चे सपूत थे।
चुनौतियों का सामना करने से डरना नहीं चाहिए।